Hijab Vivad decision live:
The Hijab vivad started in Karnataka first. Karnataka schools banned girls to wear hijab in with school dress. 6 girls start protesting against this decision. Soon after this controversy became National level Goship topic. Debates are taken on tv.
One side the Muslim girls protesting for their Hijab and on other hand the some boys and BJP workers started protesting against Muslim girls by wearing safron scarf.
On 15th March 2022 Karnataka High court provoked their decision on Hijab vivad. 3 judges bench said ” Hijab is not compulsory in Islam” so girls should not wear it with school dress.
The decision was taken on 25th February but court save this decision for right time. First of all DM of all districts closed all school in Karnataka and put Article 144, so that students can’t protest. Then finally Today on 15th February court release their decision.
क्या है Hijab vivad?
कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू की थी। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।
मुस्लिम छात्राओं ने की थी ये मांग
कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की बेंच उडुपी की मुस्लिम छात्राओं की याचिका पर सुनवाई के लिए गठित की गई थी. इन लड़कियों ने मांग की थी कि उन्हें कॉलेज में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ-साथ Hijab पहनने की अनुमति दी जाए क्योंकि ये उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है.
बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं की तरफ से कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति और 5 फरवरी के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है.
Hijab Vivad पर चीफ जस्टिस ने क्या कहा?
चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि पूरे मामले का समग्र दृष्टिकोण लेते हुए हमने कुछ सवाल तैयार किए और उसी के अनुसार उत्तर दिए हैं. पहला सवाल था कि क्या हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है जो आर्टिकल 25 के तहत संरक्षित हैं. दूसरा सवाल था कि क्या स्कूल यूनिफॉर्म का निर्देश अधिकारों का उल्लंघन है? तीसरा सवाल था कि क्या 5 फरवरी का सरकारी आदेश अक्षम और स्पष्ट रूप से मनमाना होने के अलावा अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है?
आपको बता दें कि कर्नाटका के एक स्कूल में 6 छात्रों द्वारा विरोध करने के बाद यह मामला तूल पकड़ गया था. इनके छात्रों का मानना था कि इनहे हिजाब पहनकर ही स्कूल आने दिया जाए परंतु स्कूल प्रशासन इससे मना कर रहा था. इस विरोध में पूरे देश में मीडिया की सुर्खियां बटोरी थी